*|| भगवद् गीता विचार ||* इस नाशरहित, अप्रमेय, नित्यस्वरूप जीवात्मा के ये सब शरीर नाशवान कहे गए हैं, इसलिए हे भरतवंशी अर्जुन! तू युद्ध कर। *अध्याय- 2 श्लोक- 18* Download Bhagavad Gita App
*|| भगवद् गीता विचार ||* इस नाशरहित, अप्रमेय, नित्यस्वरूप जीवात्मा के ये सब शरीर नाशवान कहे गए हैं, इसलिए हे भरतवंशी अर्जुन! तू युद्ध कर। *अध्याय- 2 श्लोक- 18* Download Bhagavad Gita App